जबसे शरण तेरी आई हूँ बाबा,
क्या बतलाऊँ क्या पा गई बाबा,
मौज में कटने लगी ज़िन्दगी,
जबसे कृपा की नज़र है पड़ी,
सांवरिया मैं तो तेरी हुई,
चरण से नेह लगा कर के,
मेरे बाबा मैं तो तेरी हुई,
चरण से नेह लगा कर के।।
सुर संगीत का ज्ञान नहीं था,
तूने प्रेमियों में पहचान दिलाई,
अपनों ने जब भी साथ दिया ना,
तूने ही मेरी पकड़ी कलाई,
अब हर ग़म भी हंसने लगा है,
टकराके मुझसे थकने लगा है,
ये तो है तेरी कृपा सांवरे,
जबसे नज़र तेरी मुझपे पड़ी,
सांवरिया मैं तो तेरी हुई,
चरण से नेह लगाकर के,
मेरे बाबा मैं तो तेरी हुई,
चरण से नेह लगा कर के।।
पूजा का ज्ञान ना था करू कैसे वंदना,
शीश झुकाऊं बाबा करूँ मैं आराधना,
तेरे भरोसे मेरे जीवन की नैया,
पकड़ो कलाई मेरी मेरे सांवरिया,
जबसे तूने मेरी की सुनवाई,
पापी मन बावरे को मिली है रिहाई,
किस्मत मेरी चमकने लगी,
जबसे कृपा की नज़र है पड़ी,
सांवरिया मैं तो तेरी हुई,
चरण से नेह लगाकर के,
मेरे बाबा मैं तो तेरी हुई,
चरण से नेह लगा कर के।।
जबसे शरण तेरी आई हूँ बाबा,
क्या बतलाऊँ क्या पा गई बाबा,
मौज में कटने लगी ज़िन्दगी,
जबसे कृपा की नज़र है पड़ी,
सांवरिया मैं तो तेरी हुई,
चरण से नेह लगा कर के,
मेरे बाबा मैं तो तेरी हुई,
चरण से नेह लगा कर के।।
Singer – Simran Kaur