जद जद भी म्हापे,
आवे मुसीबत बाबा श्याम जी,
आवे मुसीबत बाबा श्याम जी,
आवे कोई संकट बाबा श्याम जी,
म्हे दौड्या दौड्या आवा हाँ,
थारे खाटू धाम जी।।
कलयुग में घर घर के माहि,
केवल यो ही चर्चो है,
खाटू वालो श्याम धणी ही,
साँचो देवे पर्चो है,
पल भर में बनावे,
भगता का सारा बिगड़ा काम जी।।
थारी मोरछड़ी को या,
सारी दुनिया गुणगान करे,
मोरछड़ी के आगे थाने,
झुक झुक कर प्रणाम करे,
या जादूगारी,
मुर्दा में भी फूंकै है प्राण जी।।
थारे होते म्हारो कोई,
बाल ना बांको कर पावे,
‘सोनू’ थारे नाम जपा ही,
सारा संकट कट जावे,
देख्यो ना कोई,
थारे जिसो तो देव महान जी।।
जद जद भी म्हापे,
आवे मुसीबत बाबा श्याम जी,
आवे मुसीबत बाबा श्याम जी,
आवे कोई संकट बाबा श्याम जी,
म्हे दौड्या दौड्या आवा हाँ,
थारे खाटू धाम जी।।
स्वर – सौरभ मधुकर जी।