दुनिया दर्शन आयी जी,
दुनिया दर्शन आयी जी,
जाग जाग मेरी गंगा माई,
जाग जाग मेरी गंगा माईं,
दुनिया दर्शन आयी जी,
जाग जाग मेरी गंगा माईं।।
राम जागे लक्ष्मण जी जागे,
ओ जागी सीता माई जी,
जागी सीता माई जी,
हाक देत हनुमंत जागे,
हाक देत हनुमंत जागे,
जागे चारो भाई जी,
जाग जाग मेरी गंगा माईं।।
ब्रम्हा जागे विष्णु जागे,
ओ जागे शंकर देवा जी,
जागे शंकर देवा जी,
बडे बडे जोगी सब जागे,
बडे बडे सब जोगी जागे,
सूरत भजन मे लागी जी,
जाग जाग मेरी गंगा माईं।।
ध्रुव जागे प्रहलाद भी जागे,
ओ जागे सज्जन कसाई जी,
जागे सज्जन कसाई जी,
अरे सुआ पढावत कनिका जागी,
सुआ पढावत कनिका जागी,
जागी मीरा बाई जी,
जाग जाग मेरी गंगा माईं।।
ब्रम्ह कमंडल सु गंगा निकली,
हरि की पेढी आयी जी,
हरि की पेढी आयी जी,
दोय कर जोड भगीरथ बोले,
दोय कर जोड भगीरथ बोले,
धिन धिन गंगा माई जी,
जाग जाग मेरी गंगा माईं।।
दुनिया दर्शन आयी जी,
दुनिया दर्शन आयी जी,
जाग जाग मेरी गंगा माई,
जाग जाग मेरी गंगा माईं,
दुनिया दर्शन आयी जी,
जाग जाग मेरी गंगा माईं।।
गायक – मोईनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818
ये भजन अनमोल धरोहर है कोई बिरला ही पावे!