हर पल गिरुँ मैं साँवरे,
जग की ये आस है,
आए पसंद उन्हें नहीं,
आए पसंद उन्हें नहीं,
चलती जो साँस है।।
हर मोड़ पे है साज़िशे,
मुझको गिराने की,
फ़ितरत है जग की साँवरे,
ख़ुद में फ़साने की,
समझे ना इतनी बात वो,
समझे ना इतनी बात वो,
मेरे तू पास है,
हर पल गिरुँ मैं साँवरे,
जग की ये आस हैं।bd।
चुभने लगा हूँ काँच सा,
बनके मैं आँखों में,
बनते है राम सामने,
ख़ंजर है हाथों में,
सोचे ये मेरी क़िस्मत में,
सोचे ये मेरी क़िस्मत में,
ऐसा क्या ख़ास है,
हर पल गिरुँ मैं साँवरे,
जग की ये आस हैं।।
नज़रे है इनकी बाज़ सी,
ढूँढे मेरी कमी,
चाहत है इनकी साँवरे,
आँखों में हो नमी,
गहना ‘कपिल’ की लाज का,
गहना ‘कपिल’ की लाज का,
तेरे ही पास है,
हर पल गिरुँ मैं साँवरे,
जग की ये आस हैं।bd।
हर पल गिरुँ मैं साँवरे,
जग की ये आस है,
आए पसंद उन्हें नहीं,
आए पसंद उन्हें नहीं,
चलती जो साँस है।।
Singer – Shubham Sharma