जग में मिठो बोल भाईडा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पंछिङा रे।।
धोखा धङी संसार भोलीया,
कोई नही आसी लार रे,
यो बोल भलाई आवसी,
अगोतर रे,
जग में मिठो बोल भाईड़ा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पछिङा रे।।
धरत्या वेसी खाख खोडला,
जमङा गणसी काज रे,
लावा रे लेले जीवता,
लादेशर रे,
जग में मिठो बोल भाईड़ा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पछिङा रे।।
आगे पाछे देख भाईङा,
धरती पग टेक रे,
यो धन जोबन यो पावणो,
दो दन को रे,
जग में मिठो बोल भाईड़ा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पछिङा रे।।
सम्भल सम्भल के चाले भाईङा,
धाक धाक पग धाम रे,
ये कामण गारी कामण्या,
छरगाला रे,
जग में मिठो बोल भाईड़ा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पछिङा रे।।
यो थेके ठकण्या को देश भाईङा,
उम्र बाली वेश रे,
थु म्हारीयो जासी हुगला,
झगङा मे रे,
जग में मिठो बोल भाईड़ा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पछिङा रे।।
माया नही आसी लारे,
काया नही आसी लारे,
माया वेसी कांकरा,
परदेशी रे,
जग में मिठो बोल भाईड़ा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पछिङा रे।।
मन की मुङी खोले ‘भेरया’,
मिठो बोल रे,
थने गुरू मिलासी,
पासरा परमेश्वर रे,
जग में मिठो बोल भाईड़ा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पछिङा रे।।
जग में मिठो बोल भाईडा,
सबसे मिठो बोल रे,
धरती पर थोङो,
जीवनो पंछिङा रे।।
गायक – गोपाल दास जी वैष्णव।
प्रेषक – दिलखुश सालवी।
7850804258