जाग मारी सुरता तन मन अरपु,
गुरूजी आंगन आया ए,
जाग मारी सुरता तन मन अरपु,
शांतिनाथ जी आंगन आया ए,
जुना जुगा री जाग पुरबलिग,
सतगुरु दर्शन पाया।।
अरे नीर गंगाजल झारी मंगावु,
ताता तुरंत कराया ए,
नीर गंगाजल झारी मंगावु,
ताता तुरंत कराया ए,
तेल फुलेल गुरूजी रे अर्पण,
सनमुख नावन आया ए,
हा अरे तेल फुलेल गुरूजी रे अर्पण,
सनमुख नावन आया हा,
जाग म्हारी सूरता तन मन अरपु,
शांतिनाथ जी आंगन आया ए,
जुना जुगा री जाग पुरबलिग,
सतगुरु दर्शन पाया।।
खीर खांड रा अमृत भोजन,
ताता तुरंत कराया ए,
खीर खांड रा अमृत भोजन,
ताता तुरंत कराया,
अरे जीमो जीमो मारा सतगुरु दाता,
रूच रूच भोग लगाया ए हा,
अरे जीमो जीमो मारा सतगुरु दाता,
रूच रूच भोग लगाया हा,
जाग म्हारी सूरता तन मन अरपु,
शांतिनाथ जी आंगन आया ए,
जुना जुगा री जाग पुरबलिग,
सतगुरु दर्शन पाया।।
अरे हिन्गलु पाया रो ढालुु ढालीयो,
अरे रेशम पोड बनाया ए,
अरे हिन्गलु पाया रो ढालुु ढालीयो,
अरे रेशम पोड बनाया ए,
अरे पोडो पोडो मारा सतगुरु दाता,
पंखेवाव ढोलाया हा,
अरे पोडो पोडो मारा सतगुरु दाता,
पंखेवाव ढोलाया हा,
जाग म्हारी सूरता तन मन अरपु,
शांतिनाथ जी आंगन आया ए,
जुना जुगा री जाग पुरबलिग,
सतगुरु दर्शन पाया।।
जीवनराम माने सतगुरु मिलिया,
साचा उपदेश बताया ए,
जीवनराम माने सतगुरु मिलिया,
साचा उपदेश बताया ए,
अरे सूरदास संतो रे शरने,
नित नित गुनडा गाया हा,
अरे सूरदास संतो रे शरने,
नित नित गुनडा गाया हा,
जाग म्हारी सूरता तन मन अरपु,
शांतिनाथ जी आंगन आया ए,
जुना जुगा री जाग पुरबलिग,
सतगुरु दर्शन पाया।।
जाग मारी सूरता तन मन अरपु,
गुरूजी आंगन आया ए,
जाग मारी सूरता तन मन अरपु,
शांतिनाथ जी आंगन आया ए,
जुना जुगा री जाग पुरबलिग,
सतगुरु दर्शन पाया।।
गायक – शंकर टाक जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818