नाम सुमिरले सुमिरन करले,
कौन जाने कल की,
जगत में खबर नहीं पल की,
रे मनवा बात करे कल की।।
कोड़ी कोड़ी माया जोड़ी,
बात करे छल की,
सिर पर गठरी पाप की रे,
कैसे होवे हल्की,
रे मनवा बात करे कल की।।
भाई बंधु कुटुंब कबीलो,
है दुनिया मतलब की,
माया लोभ में नगर बसायो,
ये अपनी कब की,
रे मनवा बात करे कल की।।
जब तक हंसा रहे मंदिर में,
शोभा मंदिर की,
उड़ गया हंसा ये मंदिर खाली,
ज्यूँ माटी वन की,
रे मनवा बात करे कल की।।
ये संसार रेन का सपना,
ओस बून्द जल की,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
बाता सतगुरु की,
रे मनवा बात करे कल की।।
नाम सुमिरले सुमिरन करले,
कौन जाने कल की,
जगत में खबर नहीं पल की,
रे मनवा बात करे कल की।।
गायक – दिनेश जी भट्ट।
प्रेषक – मंगेश भाटी।
9587408021