जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
चाहे करा लो बॉडी मालिश,
चाहे करा लो बॉडी मालिश,
चाहे छिड़कलो सेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट।।
आवागमन लगा दुनिया में,
जग है रेस्टोरेंट,
रे भैया जग है रेस्टोरेंट,
एक दिन ‘लख्खा’ उखड जाएंगे,
एक दिन ‘लख्खा’ उखड जाएंगे,
तेरे तम्बू टेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट।।
राष्ट्रपति हो कर्नल जनरल,
या हो लेफ्टिनेंट,
रे भैया या हो लेफ्टिनेंट,
मौत सभी को आ जाएगी,
मौत सभी को आ जाएगी,
लेडीज हो या जेंट्स,
जगत में कोईं ना परमानेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट।।
कलकत्ता मुंबई चेन्नई या,
घूमो दिल्ली टेंट,
रे भैया घूमो दिल्ली टेंट,
हर हर बम बम जपते रहो तुम,
हर हर बम बम जपते रहो,
धोती पहनो या पेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट।।
भोलेनाथ की शरण ही है,
बस सच्ची गवरमेन्ट,
रे भैया सच्ची गवरमेन्ट,
इनके ऑफिस से ऐ ‘लख्खा’,
इनके ऑफिस से ऐ ‘लख्खा’,
ना होना एब्सेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट।।
जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
चाहे करा लो बॉडी मालिश,
चाहे करा लो बॉडी मालिश,
चाहे छिड़कलो सेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट,
जगत में कोईं ना परमानेंट।।
स्वर – लखबीर सिंह लख्खा।
Bahut achha