जगदम्बा घर में दियरा,
बार अइनी हे,
जगतारण घर में दियरा,
बार अइनी हे।।
सोने सुराही गंगाजल पानी,
मैया जी के चरण पखार अइनी हे,
जगतारण घर में दियरा,
बार अइनी हे।।
सोने की थाली में व्यंजन परोसल,
मैया जी के भोग लगा अइनी हे,
जगतारण घर में दियरा,
बार अइनी हे।।
कंचन थार कपूर की बाती,
मैया जी के आरती उतार अइनी हे,
जगतारण घर में दियरा,
बार अइनी हे।।
जगदम्बा घर में दियरा,
बार अइनी हे,
जगतारण घर में दियरा,
बार अइनी हे।।
गायक / प्रेषक – रुपेश चौधरी।
7004825279