जागो नी मारा सेठ साँवरा,
दुनिया दर्शन आई जी,
दुनिया दर्शन आई मारा कान्हा,
दुनिया दर्शन आई जी,
जागों नी मारा सेठ सांवरा,
दुनिया दर्शन आई जी।।
मोर मुकुट पिताम्बर पहनो रे,
काना में पहनो कुण्डल जी,
मोरछडी़ थे लेलो हाथ में,
उठ मन्दिर में चालो जी,
जागों नी मारा सेठ सांवरा,
दुनिया दर्शन आई जी।bd।
चांदी-सोना का पेरो बागा,
हाथ अंगुठी पहनो जी,
चांदी का थे पहनो कडुलिया,
नोशर हार गला में जी,
जागों नी मारा सेठ सांवरा,
दुनिया दर्शन आई जी।bd।
कमर खडगती पहनो मारा मोहन,
पगा में पहनो पायलिया जी,
चमड़ा की जुती पहनो मारा मोहन,
नैना सुरमो लगा लो जी,
जागों नी मारा सेठ सांवरा,
दुनिया दर्शन आई जी।bd।
भाग फाट अब हुयो ऊजालो,
पट मन्दिर का खोलो जी,
दर्शन देवो मारा श्याम मुरारी,
आया दुखियारा शरणा जी,
जागों नी मारा सेठ सांवरा,
दुनिया दर्शन आई जी।bd।
लिख-लिख अर्जी भेजु मारा मोहन,
खत मारो थे पढ लो जी,
यो ‘पुरण गुर्जर’ थाने अर्जी गुजारे,
अब मोड़ सराने मेलो जी,
जागों नी मारा सेठ सांवरा,
दुनिया दर्शन आई जी।bd।
जागो नी मारा सेठ साँवरा,
दुनिया दर्शन आई जी,
दुनिया दर्शन आई मारा कान्हा,
दुनिया दर्शन आई जी,
जागों नी मारा सेठ सांवरा,
दुनिया दर्शन आई जी।।
लेखक & गायक – पुरण गुर्जर सुखामण्ड।
प्रेषक – देव वैष्णव नवानियाँ।