जागो राम रुणेचे वाला,
पो फाटी प्रकाश भया,
बीती रेण छिपे सब तारे,
चंदा ज्योति मन्द भया।।
ऊगा भाण बीत गई रजनी,
तीन लोक प्रकाश भया,
अपने काज लगा नर नारी,
पंछी अपना राय गिया।।
ब्रह्मपुरी में ब्रह्मा जी जाग्या,
तीन लोक प्रकाश भया,
कैलाश पुरी में शिव शंकर जाग्या,
भांग धतूरा घोट रहया।।
बंदी बन्धन छोडावन खातर,
खड़ा द्वार पुकार रहया,
रेण बिछेवा चकवा चकवी,
भोर समय मिलाप भया।।
गढ़ रे रुणेचे में जाग्या रामदेव,
तीन लोक आवाज भया,
उठो देवा दान्तन मोरो,
हाजर झारी हाथ लिया।।
रोज़ी रिज़्क़ देवे मेरो सायबो,
खड़ा द्वार पुकार रहया,
गोकुळ दास आशा रघुवर की,
मुझ पर राखों मेहर छैया।।
जागो राम रुणेचे वाला,
पो फाटी प्रकाश भया,
बीती रेण छिपे सब तारे,
चंदा ज्योति मन्द भया।।
गायक – पुनाराम बेगड़।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052