जहाँ भी कीर्तन हो बाबा का,
लीले चढ़कर के आईये,
तेरा इतना लाड़ लड़ावांगा,
तुम देखते रहियो।।
तर्ज – झूठ बोले कौआ काटे।
तेरे केसर तिलक लगावांगा,
चांदी का छतर चढ़ावांगा,
चुन चुन कर कलियाँ बागा से,
सुन्दर गजरा बनवावांगा,
पहन कसुमल बागा बाबा,
खिल खिल तू हँसियों,
तेरा इतना लाड़ लड़ावांगा,
तुम देखते रहियो।।
यो छप्पन भोग बनवाया है,
सब भक्तों को बुलवाया है,
पेड़ो से थाली भरी हुई,
और नागर पान मंगाया है,
हुक्म हमारे लायक हो तो,
हम बच्चो से कहियो,
तेरा इतना लाड़ लड़ावांगा,
तुम देखते रहियो।।
तुम्हे मीठे भजन सुनावेंगे,
नैना सु नैन लड़ावांगे,
खुद नाचेंगे हम सांवरिया,
और साथ में तुम्हे नचाएंगे,
तेरी मस्ती का रंग उतरे नाही,
ऐसी मस्ती में रंगियो,
तेरा इतना लाड़ लड़ावांगा,
तुम देखते रहियो।।
कोई भूल अगर हो जाए जो,
नहीं दिल से उसे लगाना तुम,
इन भक्तों की अर्जी सांवरिया,
जल्दी पास कराना तुम,
‘संजू’ के संग इन भक्तों की,
या विनती है सुनियों,
तेरा इतना लाड़ लड़ावांगा,
तुम देखते रहियो।।
जहाँ भी कीर्तन हो बाबा का,
लीले चढ़कर के आईये,
तेरा इतना लाड़ लड़ावांगा,
तुम देखते रहियो।।
Singer – Parmod Bansal
Lyrics – Sanjay Gautam