जय बजरंगबली,
स्वामी जय बजरंगबली,
जब ली शरण तुम्हारी,
जब ली शरण तुम्हारी,
तब सब विपत हरे,
ॐ जय बजरंगबली।।
राम काज के कारण,
पार कियो सिंधु,
अपने भक्त जनों के,
तुम ही हो बंधू,
ॐ जय बजरंगबली।।
भूत प्रेत के भय को,
क्षण भर में हरते,
विद्या बुध्दि बढ़ाकर,
सुख सम्पति करते,
ॐ जय बजरंगबली।।
सीता पता लगाया,
अक्षय को मारा,
राक्षस पुंज पछाड़ा,
फिर लंका जारी,
ॐ जय बजरंगबली।।
लक्ष्मण प्राण बचाए,
लाए अमृत बूटी,
बस एक आप ही लाते,
जीवन की बुटी,
ॐ जय बजरंगबली।।
वायु पुत्र गुण सागर,
आप ही कहलाये,
जय हनुमान महा प्रभु,
अंजनी के जाये,
ॐ जय बजरंगबली।।
रामभक्त की आरती,
जो कोई नर गावे,
कहत शिवानन्द स्वामी,
सुख सम्पति पावे,
ॐ जय बजरंगबली।।
जय बजरँगबली,
स्वामी जय बजरंगबली,
जब ली शरण तुम्हारी,
जब ली शरण तुम्हारी,
तब सब विपत हरे,
ॐ जय बजरंगबली।।
Upload By – Dev Patidar
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