जय भूतनाथ बाबा,
श्लोक – करपूर गौरम करूणावतारम,
संसार सारम भुजगेन्द्र हारम,
सदा वसंतम हृदयारविंदे,
भवम भवानी सहितं नमामि।।
जय भूतनाथ बाबा,
जय भुतनाथ बाबा,
तुमको निशदिन ध्यावत,
सुर नर मुनि बाबा,
जय भूतनाथ बाबा।।
कर त्रिशूल विराजत,
और डमरू बाजे,
देवा और डमरू बाजे,
जटा में गंग की धारा,
माथे चंद्र साजे,
जय भूतनाथ बाबा।।
नंदी की असवारी सोहे,
तन पर मृगछाला,
देवा तन पर मृगछाला,
कानो में कुण्डल सोहे,
गले में मुंड माला,
जय भूतनाथ बाबा।।
तन पर भस्मी रमावे,
संग गिरिजा माता,
देवा संग गिरिजा माता,
सर्पो के गहने पहने,
तुम शक्ति दाता,
जय भूतनाथ बाबा।।
तुम बिन ज्ञान न होवे,
मुक्ति ना होवे बाबा,
देवा मुक्ति ना होवे बाबा,
भक्तो के रखवाले,
तुम ही हो बाबा,
जय भूतनाथ बाबा।।
भांग धतूरा खाओ,
ध्यान में मतवाला,
देवा ध्यान में मतवाला,
नीमतल्ला में विराजो,
तुम मुक्ति दाता,
जय भूतनाथ बाबा।।
या आरती भूतनाथ जी की,
जो कोई नर गाता,
देवा जो कोई नर गाता,
उर भक्ति अति आती,
सुख सम्पदा पाता,
जय भूतनाथ बाबा।।
जय भूतनाथ बाबा,
जय भुतनाथ बाबा,
तुमको निशदिन ध्यावत,
सुर नर मुनि बाबा,
जय भूतनाथ बाबा।।
श्लोक – त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव,
त्वमेव सर्वम् मम देव देव।।