जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,
हनुमान की जय विद्यावान की जय,
शक्तिमान की जय हनुमान की जय,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की।।
तर्ज – मैं बालक तू माता शेरावालिये।
अहिरावण की भुजा उखाड़ी,
सुरसा इनसे हारी हो,
असुरो की वो सेना इनसे,
लड़के नरक सिधारी,
रोती थी जब राम विरह में,
रोती थी जब राम विरह में,
सिता जनक दुलारी,
लंका जा उन्हें धीर बंधाया,
करके कोतुक भारी,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,
हनुमान की जय विद्यावान की जय,
शक्तिमान की जय हनुमान की जय,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की।।
मंगलकारी हनुमान जी,
करते सबका मंगल हो,
पाप का ताप मिटाके पल में,
तन मन करते शीतल,
झूठ कपट का मेल मिटाकर,
झूठ कपट का मेल मिटाकर,
करते आत्मा निर्मल,
रामचन्द्र के भक्त बने ये,
भाये ना इनको छल बल,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,
हनुमान की जय विद्यावान की जय,
शक्तिमान की जय हनुमान की जय,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की।।
जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,
हनुमान की जय विद्यावान की जय,
शक्तिमान की जय हनुमान की जय,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की।।
स्वर – सुरेश वाडकर जी।