जय हो नेजाधारी लीला थारी,
सोवे लीले वाली असवारी,
सुनी महिमा है बाबा भारी,
खम्मा खम्मा गावे नर नारी,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई,
हेले आवो थे तो भगतारी,
पीरा ज्योत जगावा थारी,
बाबा जाऊ थाने बलिहारी,
अब चरना मे आयो थारी,
जय हो बाबा थारी जय हो,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई।।
तर्ज – जग घूमिया थारे जैसा ना कोई।
थारी कृपा सु चाले,
नाव खिवैया तू,
डोले अगर नैया,
पार लगावे तू,
प्रीत पुरानी थारी,
रित पुरानी थारी,
जाने संसार है,
याद करता भगता रे,
आवे हेले आवे तू,
थारे जैसा कोई दानी नही,
थारे जैसा वरदानी नही,
बैठा घट घट मन माई,
बाबा थारे सु आ छानी नही,
जय हो बाबा थारी जय हो,
जग घूमिया थारे जैसा न कोई।।
कर मनवारा बाबा,
आज बुलावा हा,
आवो थे आवो पीरा,
अरज सुनावा हा,
गीत प्रेम रा बाबा हा,
गीत प्रेम रा बाबा,
खुलकर गाना है,
हिवडे रा आकर थाने,
लिखने सुनाना है,
थारो जमलो जगावा धणी,
थारा भजन सुनावा धणी,
सुनीया आवो थेतो पल घडी,
बाबा बाट उडीका घणी,
जय हो बाबा थारी जय हो,
जग घूमिया थारे जैसा न कोई।।
दूर देशा मे थारा,
परचा है भारी,
घूम आयो ओर देखी,
दुनिया आ सारी,
चारा दिशावा चारा,
आ चार दिशावा चारा,
कोटा में तू ही तू,
जल थल नभ तीना,
लोका मे तू ही तू,
बाबा भगती करा मै थारी,
रहू चरना मे सदा थारी,
‘माली’ चरना री रज थारी,
किरपा सु जावे बलिहारी,
जय हो बाबा थारी जय हो,
जग घूमिया थारे जैसा न कोई।।
जय हो नेजाधारी लीला थारी,
सोवे लीले वाली असवारी,
सुनी महिमा है बाबा भारी,
खम्मा खम्मा गावे नर नारी,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई,
हेले आवो थे तो भगतारी,
पीरा ज्योत जगावा थारी,
बाबा जाऊ थाने बलिहारी,
अब चरना मे आयो थारी,
जय हो बाबा थारी जय हो,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818