वीरा वीरा जय महावीरा,
क्षत्रिय कुंड नगरी में देखो,
आज है खुशिया भारी,
जन्म लिया है वीर प्रभु ने,
झूमे नर और नारी,
वर्धमान था नाम धराया..हो,
लागे बड़ा ही प्यारा,
जयकारा जयकारा,
जयकारा लगा।।
तर्ज – नगाड़ा नगाड़ा।
हो चैत्र सुदी तेरस की देखो,
मंगल घड़ियां आई,
माँ त्रिशला के आंगनिये में,
गुंज रही शहनाई,
पलने में वो झुले ललना…हो,
सिद्धार्थ का दुलारा,
जयकारा जयकारा,
जयकारा लगा।।
हो चंदा जैसा वीर का मुखडा,
गोरे गोरे गाल,
छोटे छोटे हाथ प्रभु के,
घुंगर वाले बाल,
लाल होट नेनो से बरसे…हो,
करुणा रस की धारा,
जयकारा जयकारा,
जयकारा लगा।।
जन्म कल्याणक मेरु गिरी पर,
देवगण मनाये,
धरती झूमे अम्बर झूमें,
झूमे दशो दिशाये,
‘दिलबर’ के संग बोले कन्हैय्या…हो,
प्रभु वीर का जयकारा,
जयकारा जयकारा,
जयकारा लगा।।
वीरा वीरा जय महावीरा,
क्षत्रिय कुंड नगरी में देखो,
आज है खुशिया भारी,
जन्म लिया है वीर प्रभु ने,
झूमे नर और नारी,
वर्धमान था नाम धराया..हो,
लागे बड़ा ही प्यारा,
जयकारा जयकारा,
जयकारा लगा।।
गायक – कन्हैया वैष्णव हैदराबाद।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
Bahut sunder Bhai saab thanku so much
Dilip ji bhai saab aap maa sarswati putr hai sach me jo bhi likhte ho kamaal ka likhte ho super 😊❤️🎉🎉🙏🙏❤️