जईया थाने भावे,
वईया राखो जी सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
तर्ज – कौन दिशा में लेके।
था बिन म्हारो कोई ना बाबा,
थे ही तो परिवार हो,
भाई बंधू माता पिता थे,
थे ही रिश्तेदार हो,
एक सहारो म्हाने थारो,
थे ही बस आधार हो,
मन का सारा चाया,
थे तो करो हो सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
थासु नेह लगायो है जदसू,
जीवन में आराम जी,
चिंता फिकर सब छोड़ी है थापे,
होंठा पे थारो नाम जी,
थे ही प्यारा थे ही दुलारा,
थे ही पालनहार हो,
थारे सिवा कोई,
भी ना म्हारो रे सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
थाकी रजा में राजी है ‘मोहित’,
थाको घणो उपकार जी,
सेवा दे दी भक्ति भी दे दी,
खूब बड़ो मेरो भाग जी,
म्हारा ये आंसू कहवे है थासु,
होवे मिलन एक बार हो,
थारे आगे बैठ करके,
गाऊं रे सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
जईया थाने भावे,
वईया राखो जी सांवरिया,
मैं हाँ थाकि शरण,
म्हाने थाकि लगन,
सुनो सांवरिया, सांवरिया,
जईयाँ थाने भावे,
वंईया राखो जी सांवरिया।।
गायक – मनीष जी भट्ट।
बहुत सुंदर