अरे जालौरी रा नाथ,
अर्ज म्हारी सुन लिजो,
अरे भव सु करजो पार,
लाज म्हारी रख लिजो,
अरे सरेमंदर रा नाथ,
अर्जी साम्भलो जी औ हा।।
मैं तो आयो थोरे द्वार,
आप मने तारीजो,
मै तो परला रे वाला जीव,
आप माने तारीजो,
अरे जालौरी रा नाथ,
विनती साम्भलो रे जी औ हा।।
मैं तो नाही जाणु गुरु ग्यान,
शब्द म्हाने दे दिजो,
आप शिवजी रा अवतार,
चरण माने ले लिजो,
मैं तो डुब रहीया मजधार,
आप माने तारीजो,
अरे थे पीरो रा पीर,
अर्जी साम्भलो रे जी औ हा।।
गुरु गांव गाव रे माही,
सोमासा कीदा रे,
गुरु धर्म री जोत जगाई,
शब्द रा ग्यान दीना,
गुरु घट घट जोत जगाई,
शब्द रा ग्यान दीना,
अरे भक्तों रा भगवान,
अर्जी साम्भलो रे हा औ हा।।
अरे सरेमंदर गढ धाम,
मुरत थोरी प्यारी है,
मने दर्शन री घणी आश,
आवे नर नारी ओ,
अरे सतमन सवर ढुलाए,
आरतीयो थोरी ओ,
जाडीवाला नाथ,
हैलो सुन लिजो जीऔ हा।।
अरे जालौरी रा नाथ,
अर्ज म्हारी सुन लिजो,
अरे भव सु करजो पार,
लाज म्हारी रख लिजो,
अरे सरेमंदर रा नाथ,
अर्जी साम्भलो जी औ हा।।
प्रेषक – मदनसिंह जोरावत राठौंड बागरा
9916300738
Video not Available..