जनम जनम की सेवा देना,
श्री चरणों में तू रख लेना,
मेरे बाबा मेरे बाबा,
मेरे बाबा साथ में रहना।।
तर्ज – और नहीं कुछ तुमसे कहना।
मेरी दुआ का ऐसा असर हो,
हाथ दया का सर पर धर दो,
सेवक को इतना सा वर दो,
हे करुणाकर किरपा कर दो,
बिन तेरे इक पल ना चैना,
मेरे बाबा मेरे बाबा,
मेरे बाबा साथ में रहना।।
पलको से तेरा दर में बुहारू,
आंसू से तेरे चरण पखारू,
पल पल तोहे श्याम निहारु,
नींद में तेरा नाम पुकारू,
याद में निशदिन बरसे नैना,
मेरे बाबा मेरे बाबा,
मेरे बाबा साथ में रहना।।
एक जनम का क्या है कहना,
जनम जनम तक संग में रहना,
सुख दे दुःख दे हस कर सहना,
श्याम करूँ सेवा दिन रैना,
‘हर्ष’ भगत का ये ही कहना,
मेरे बाबा मेरे बाबा,
मेरे बाबा साथ में रहना।।
जनम जनम की सेवा देना,
श्री चरणों में तू रख लेना,
मेरे बाबा मेरे बाबा,
मेरे बाबा साथ में रहना।।