हो दिन आया बड़ा ही सुहाना,
बसन्त पंचमी पे,
कलकत्ता है जाना के के,
जन्मदिन बाबोसा का आया,
खुशिया हजारों है लाया।।
तर्ज – जट यमला पगला।
भक्ति की खुशबू फैली,
इन फिजाओ में,
जयकारा जोरो से लगाये,
हम तो राहो में,
झूमते गाते हम,
कलकत्ता धाम जायेगे,
सारे परिवार को,
संग ले जायेंगे,
चलेगा न कोई बहाना बहाना बहाना,
हो दिन आया बड़ा ही सुहाना,
बसन्त पंचमी पे,
कलकत्ता है जाना के के,
जनमदिन बाबोसा का आया,
खुशिया हजारों है लाया।।
जिसका पल का इंतजार था,
वो आया है द्वार,
कलकत्ता जाने को हम थे,
कब से बेकरार,
बाबोसा की छवि को,
नेनो से निहारेंगे,
माँ छगनी के लला की,
नजर उतारेंगे,
देखेगा सारा जमाना जमाना जमाना,
हो दिन आया बड़ा ही सुहाना,
बसन्त पंचमी पे,
कलकत्ता है जाना के के,
जनमदिन बाबोसा का आया,
खुशिया हजारों है लाया।।
कलकत्ता में बाजे,
देखो आज बधाइयां,
मोतियन चोक पुराओ,
मंगल गावे सब सखियाँ,
दिलबर दिल से अपने,
बाबा को रिझाना है,
शैलू जन्मदिन सबको,
मिलके मनाना है,
बाबोसा से रिस्ता पुराना पुराना पुराना,
हो दिन आया बड़ा ही सुहाना,
बसन्त पंचमी पे,
कलकत्ता है जाना के के,
जनमदिन बाबोसा का आया,
खुशिया हजारों है लाया।।
हो दिन आया बड़ा ही सुहाना,
बसन्त पंचमी पे,
कलकत्ता है जाना के के,
जन्मदिन बाबोसा का आया,
खुशिया हजारों है लाया।।
गायक – शेलेन्द्र मालवीया इंदौर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365