जैन धर्म के अनुयायी हम,
वीर की संतान है,
जयवंता जिनशासन है ये,
जैनियो की शान है,
पंथ वाद को छोड़के हम,
सबको एक हो जाना है,
जन्म कल्याणक वीर प्रभु का,
एक साथ ही मनाना है,
आया रे आया रे आया,
जन्मकल्याणक आया है,
लाया रे लाया रे लाया,
शुभ सन्देशा ये लाया है।।
सत्य अहिंसा और धर्म की,
जब जब हुई है हानि,
जन्म हुआ महापुरुषों का,
सत्य हुई उनकी वाणी,
धीर वीर प्रभु महावीर की,
राह को अपनाना है,
जन्मकल्याणक वीर प्रभु का,
एक साथ ही मनाना है।।
अंश मिले गुरु गौतम का,
वंश मिले महावीर का,
नया इतिहास बनाये हम,
शासन है प्रभु वीर का,
‘दिलबर’ इस संदेश को,
घर घर मे पहुँचाना है,
वीर प्रभु एक है,
हमको भी एक हो जाना है,
जन्मकल्याणक वीर प्रभु का,
एक साथ ही मनाना है।।
जैन धर्म के अनुयायी हम,
वीर की संतान है,
जयवंता जिनशासन है ये,
जैनियो की शान है,
पंथ वाद को छोड़के हम,
सबको एक हो जाना है,
जन्म कल्याणक वीर प्रभु का,
एक साथ ही मनाना है,
आया रे आया रे आया,
जन्मकल्याणक आया है,
लाया रे लाया रे लाया,
शुभ सन्देशा ये लाया है।।
गायिका – मिनल जैन हैदराबाद।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365