जन्मदिवस पे गोरख के,
सब देवी देवता आए है।।
तर्ज – दुनिया में देव हजारों है।
माँ गौरा गणपत के संग म्ह,
महाकाल पधारे टीले पै,
नारायण फूल बखेर रहे,
किसे लगे नजारे टीले पै,
खडताल बजा कै नाच रहे,
हनुमत सबके मन भाये हैं,
जन्म दिवस पै गोरख के,
सब देवी देवता आए हैं।।
महाकाली मां बाला सुंदरी,
मां वैष्णो त्रिकूट तै उतरी,
लाग्गै सै बागड़ की धरती,
आज स्वर्ग लोक तै भी सुथरी,
बंसी की बाज्जै धुन मीठी,
कान्हा ने रास राचाऐ हैं,
जन्म दिवस पै गोरख के,
सब देवी देवता आए हैं।।
सिद्ध बालक नाथ भी आया है,
उत्सव में मोर नचाया है,
सब देवी देवताओं ने मिलकर,
गोरख पे प्यार लुटाया है,
कदे नजर लाग जा भगतां की,
नूं आपस में बतलाएं हैं,
जन्म दिवस पै गोरख के,
सब देवी देवता आए हैं।।
बस एक तमन्ना गजेन्द्र की,
सब भक्तां नै हो जां दर्शन,
लक्की भी उतावला होरया सै,
दीदार करण नै मचलै मन,
श्री भंवरलाल के न्योते पै,
सब भगत धाम पै आए हैं,
जन्म दिवस पै गोरख के,
सब देवी देवता आए हैं।।
जन्मदिवस पे गोरख के,
सब देवी देवता आए है।।
गायक – लक्की पिचौलिया।
9034283904
लेखक – गजेन्द्र कुडलण।
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