जानो पड़सी रे पंछी,
दोहा – यो मैलो संसार रो,
अटे आवण जावण कि रित,
ऐसी करणी कर चलो बिरा,
थारा दुनीया गावे गीत।
जानो पड़सी रे पंछी,
यह बागा में छोड़,
एक दिन जाना पड़सी रे।।
किया घोंसला चुनचुन तिनका,
पर तेरा विश्वास ना क्षण का,
किया साथ थे किनका किनका,
छोड़ियां सरसी रे ओ पंछी,
सब सगिया को साथ,
एक दिन जाणो पडसी रे।।
जब तक है पिंजरा में वासा,
तब तक है दुनिया को आशा,
तब तक है बन माई बासा,
टेम निकलसी रे हो पंछी,
जो करणो जट करले,
फेर फचताणो पडसी रे।।
अब ऊडबा को आग्यो दिनडो,
बिलक बिलक बिलकावे जीवडो,
जतना सु राखयो कर बनडो,
जाणो पडसी रे पंछी,
यह बागा ने छोड जाना पड़सी रे।।
जाणो पड़सी रे पंछी,
यह बागा में छोड़,
एक दिन जाना पड़सी रे।।
Singer – Ratan Lal Prajapati
Upload By – Hari Shankar Mali
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