जपले महाकाल का नाम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम,
जपलें महाकाल का नाम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम।।
मेरा बाबा महाकाल तो,
तीन लोक का दाता है,
जो भी मेरे शिव की महिमा,
प्रेम भक्ति से गाता है,
पावन नगरी उज्जैनी में,
क्षिप्रा तट है धाम,
जपलें महाकाल का नाम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम।।
क्षिप्रा माँ के पावन तट पर,
हर हर शिव शिव गाऊँ,
भक्तो और संतो के बिच में,
शिव की धुनी रमाऊँ,
एक बार शिव प्रेम से बोलो,
मिल जाए आराम,
जपलें महाकाल का नाम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम।।
नाम तू जपले सुमिरन करले,
शिव की महिमा गा ले,
मुक्ति तुझको मिल जाएगी,
शिव का ध्यान लगा ले,
महाकाल के श्री चरणों में,
बसते चारों धाम,
जपलें महाकाल का नाम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम।।
जपले महाकाल का नाम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम,
जपलें महाकाल का नाम,
तेरे बनेंगे बिगड़े काम।।
गायक / प्रेषक – कृष्णा राजपूत।
7999629343