जपते है राम की माला माला,
राम दुलारे हनुमान।।
दिन ना देखे रात ना देखे,
बस फेरे राम की माला,
राम रमाए ह्रदय बसाए,
राम रंग में तो खुद को रंग डाला,
चरणों में राम के ठिकाना, डाले,
बैठे है हनुमान,
जपतें है राम की माला माला,
राम दुलारे हनुमान।।
राज ना चाहे पाट ना चाहे,
बस करना चाहे राम की सेवा,
ना सोना चांदी ना हीरे मोती,
भोग में चाहे मिठाई ना मेवा,
चाहते है राम की भक्ति, भक्ति,
अंजनी लाला हनुमान,
जपतें है राम की माला माला,
राम दुलारे हनुमान।।
जहाँ कीर्तन प्रभु राम का,
वहाँ लगता है इनका तो डेरा,
जिसने राम को मन से ध्याया,
उनका काटा है भव का तो फेरा,
जो राम नाम को जपता, रटता,
जपतें है राम की माला माला,
राम दुलारे हनुमान।।
राम के सारे काज बनाए,
राम ह्रदय से अपने लगाए,
राम के नाम का तिलक लगाया,
चोला राम के नाम का ओढ़ाए,
चन्दन ये राम के नाम का, घिसता,
राम का प्यारा हनुमान,
जपतें है राम की माला माला,
राम दुलारे हनुमान।।
जपते है राम की माला माला,
राम दुलारे हनुमान।।
स्वर – राकेश काला।
https://youtu.be/BXg2_caxhqI