छोड़ दिखावे दुनिया के तू,
मत पड़ना झमेले में,
जरा तू घूम के खाटू आ,
एक बार तो फागण मेले में।।
वो ऐसा दरबार है,
एक बार पहुँच जो जाता है,
छोड़ के सारी दुनिया दारी,
बाबा का हो जाता है,
सुनकर वहाँ की चर्चा सारी,
सोचेगा तू अकेले में,
ज़रा तू घूम के खाटू आ,
एक बार तो फागण मेले में।।
रिंगस से खाटू नगरी तक,
ऐसा गज़ब नज़ारा है,
भक्तों के ख़ातिर बाबा ने,
स्वर्ग को यहाँ उतारा है,
जन्नत जैसी ख़ुशी मिलेगी,
बाबा के उस रेले में,
ज़रा तू घूम के खाटू आ,
एक बार तो फागण मेले में।।
किस्मत वाले होते है जो,
खाटू नगरी जाते हैं,
बन्द पड़े किस्मत के ताले,
बाबा से खुलवाते हैं,
जिसको देखो ‘रमन’ रंगा है,
कोई नीले कोई पीले में,
ज़रा तू घूम के खाटू आ,
एक बार तो फागण मेले में।।
छोड़ दिखावे दुनिया के तू,
मत पड़ना झमेले में,
जरा तू घूम के खाटू आ,
एक बार तो फागण मेले में।।
गायक / प्रेषक – रमन गुप्ता।
9451917689