जय जय जय हनुमान महाप्रभो,
जय अंजनी के लाला,
महाबीर बजरंगबली,
तू संकट हरने वाला।।
सात समुंदर लांघ गयो ये,
पलक झपकते भाई,
मुंदरी दीन्ही सिया सुध लीन्ही,
लंका जारी धाई,
तू अलबेला राम का चेला,
सिया सुध लेने वाला,
महाबीर बजरंगबली,
तू संकट हरने वाला।।
अहि रावण की भुजा उखाड़ी,
सबके संकट टाले,
राम लखन के प्राण उबारे,
सगरे असुर संघारे,
संकट मोचन नाम तिहारो,
काम तुम्हारा आला,
महाबीर बजरंगबली,
तू संकट हरने वाला।।
जब जब संकट आयो प्रभु पर,
तब तब भयो सहाई,
तुम्हारे बल की भरत से रघुवर,
निज मुख करत बड़ाई,
‘राजेन्द्र’ राम भजन में हनुमत,
रहता है मतवाला,
महाबीर बजरंगबली,
तू संकट हरने वाला।।
जय जय जय हनुमान महाप्रभो,
जय अंजनी के लाला,
महाबीर बजरंगबली,
तू संकट हरने वाला।।
गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
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