जय हों भोलेनाथ,
जय हो तिहारी,
जय हो कैलाश पति,
जय हो त्रिपुरारी।।
दुखियों के तूने काज संवारे,
जो भी आया भगवान तेरे दुआरे,
कर दिया कल्याण,
पिता कल्याणकारी,
जय हो भोलानाथ,
जय हो तिहारी।।
तेरी जटाओं में गंगा का पानी,
गंगा के पानी में शक्ति रूहानी,
मस्तक का चंद्रमा पीर हरे सारी,
जय हो भोलानाथ,
जय हो तिहारी।।
हंस हंस के धरती का विष पीने वाले,
महादेव नीलकंठ जग से निराले,
सृष्टि ये गाए सारी महिमा तुम्हारी,
जय हो भोलानाथ,
जय हो तिहारी।।
जय हों भोलेनाथ,
जय हो तिहारी,
जय हो कैलाश पति,
जय हो त्रिपुरारी।।
गायक – गिरधर जी महाराज।
9300043737
https://youtu.be/ttWYyno35ys