इसे श्रवण कर मिट जाती है,
कथा श्रवण कर मिट जाती है,
सौ जनम जनम की व्यथा,
जय जय राम कथा,
जय श्री राम कथा।।
देखे – राम कथा सुनकर जाना।
राम कथा कलिकामद गाई,
सुजन संजीवनी मूर सुहाई।
बुद्धि विश्राम सकल जन रंजन,
रामकथा कलि कलुष बिभंजनि।
तेरा परमारथ बन जाए,
मेरा परमारथ बन जाए,
श्री नारद कर यथा,
जय जय रामकथा,
जय श्री रामकथा।।
महामोह महि शेष विशाला,
राम कथा कालिका कराला।
रामकथा शषि किरन समाना,
संत चकोर करहिं जेहि पाना।
पीकर तू भी अमर हो जाएं,
गाकर तू भी अमर हो जाए,
श्री हुनमंत यथा,
जय जय रामकथा,
जय श्री रामकथा।।
राम कथा कलि बिटप कुठारी,
सादर सुन गिरिराज कुमारी।
राम कथा सुन्दर करतारी,
शंशय बिहग उड़ाव निहारी।
तेरा सब संसय भागेगा,
मेरा सब संसय भागेगा,
माँ पार्वती कर यथा,
जय जय रामकथा,
जय श्री रामकथा।।
सुनहुँ तात जेहिं कारन आयहुँ,
सो सब भयहुँ दरस तव पायहुँ।
देखि परम पावन तव आश्रम,
गयहुँ मोह संषय नाना भरम।
अब श्री राम कथा अति पावनि,
सदा सुखद दुख पुंज नसावनि।
सादर तात सुनावहु मोही,
बार बार विनवहुँ प्रभु तोही।
जय जय रामकथा,
जय श्री रामकथा।।
इसे श्रवण कर मिट जाती है,
कथा श्रवण कर मिट जाती है,
सौ जनम जनम की व्यथा,
जय जय राम कथा,
जय श्री राम कथा।।
स्वर – राजन जी महाराज।
प्रेषक – विशाल कुमार आर्य।
8650939174
https://youtu.be/WkdvNxgqaaE
राजन दास महराज की राम कथा चाहिए
Thank