जे थारो मनवो कयो नी मोने,
दोहा – कहे संत संग्राम राम ने,
भूलो किकर,
भूलीया भूंडी होवसी,
माजनो जासी बिखर,
बिखर जासी माजनो ने,
देवे गधे री जून,
मोरो पडसी टाकीया,
ऊपर लदसी लून,
ऊपर लदसी लून,
चढावे सामा सिकर,
कहे संत संग्राम राम ने,
भूलो किकर।
जे थारो मनवो कयो नी मोने,
दोष गुरा ने मत दीजो,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा,
पेलो दिल आपनो रे खोजे,
पचे तोवनो दिजे ए हा,
जे थारो मनड़ो कयो नी मोने,
दोष गुरा ने मत दीजो,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा।।
परनिन्दीया ओर कुवन कटारी,
ये पेला तज लिजे ए हा,
शिश धरो गुरू शरने,
तन मन अर्पण किजे,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा,
जे थारो मनड़ो कयो नी मोने,
दोष गुरा ने मत दीजो,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा।।
जे तिरवानी मन मे वेतो,
तुरंत तैयारी किजे ए हा,
अरे सतगुरु देव मुक्ति रा दाता,
उन रो शरनो लिजे रे,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा,
जे थारो मनड़ो कयो नी मोने,
दोष गुरा ने मत दीजो,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा।।
कर अरदास सतगुरु जी रे आगे,
हिम्मत हार मत लिजे ए हा,
केवे कबीर सुनो भई संतों,
सदा आनन्द मे रिजे,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा,
जे थारो मनड़ो कयो नी मोने,
दोष गुरा ने मत दीजो,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा।।
जे थारो मनवो कयो नी मोने,
दोष गुरा ने मत दीजो,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा,
पेलो दिल आपनो रे खोजे,
पचे तोवनो दिजे ए हा,
जे थारो मनड़ो कयो नी मोने,
दोष गुरा ने मत दीजो,
भक्ति राजी वेने किजो ए हा।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
Bahut hi sunder bhajan Apka abhar ,Iska sunder audio bhi sunaye please