जीव थारे कोई काम नहीं आयो,
भजन बिना रितो जनम गमायो।।
भाई बंदु थारा कुटम कबिला,
थने गणो हरसावे,
मरती वेल्या थने बायर काड्यो,
गड़ी पलक नही जायो,
जीव थारे कोई काम नही आयो,
भजन बिना रितो जनम गमायो।।
पेट पकड़ थारी माता रोवे,
भुजा पकड़ थारो भाई,
तेरह दन थारी तिरया रोवे,
फेर गणो हरसाइ,
जीव थारे कोई काम नही आयो,
भजन बिना रितो जनम गमायो।।
आगे जाय भायो पाचे नालयो,
कई कई लारा लायो ओ ओ,
ओ जी खोटो पैसो फूटी हांडी,
लाडू बगल मे लायो,
जीव थारे कोई काम नही आयो,
भजन बिना रितो जनम गमायो।।
आला लीला बास कटाया,
जंगल चवरी रचाई ओ ओ,
ओ जी केवे कबीरा सुन भाई सादू,
फेर जनम नही पायो,
जीव थारे कोई काम नही आयो,
भजन बिना रितो जनम गमायो।।
जीव थारे कोई काम नहीं आयो,
भजन बिना रितो जनम गमायो।।
स्वर – लादू पूरी।
प्रेषक – शम्भू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560