ज्येष्ठ में नी आयो,
ए आषाढ में नी आयो रे।
दोहा – पेहला बरसु मालवे,
और पचे बरसु मेवाड़,
अरे आबू मत कर घोरको,
मे बरसु बारम्बार।
ज्येष्ठ में नी आयो,
ए आषाढ में नी आयो रे,
अरे ज्येष्ठ मे नी आयो,
ए आषाढ मे नी आयो रे,
अरे ओ सावन सुखो सुखो जावे रे,
मेवुडा लाल जावे रे इन्द्र महाराज,
ए भरतो जाईजे रे।।
अरे आप बिना मारवाड़,
सुनी रे मेवुडा लाल,
सुनी रे इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ,
अरे आप बिना जवाईबांध,
खाली रे मेवुडा लाल,
खाली रे इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ।।
आप रे भरोसे मेतो शेपली डाले,
मूंग परा बाया रे,
अरे आप रे भरोसे खेत में,
मूंग परा बाया रे,
अरे मारी बाजरीयो तो सुखो सुखो,
जावे रे मेवुडा लाल,
जावे रे इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ,
अरे आप बिना दुनिया दुखी,
होवे रे मेवुडा लाल,
होवे इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ।।
अरे आप रे भरोसे खेत में,
झूपडो बनयो रे,
अरे वायरो बाजे रे झूपडो,
उडे रे मेवुडा लाल,
उडे रे इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ।।
ए नेना नेना टोगडा,
छोटा वासूरीया रे,
अरे नेना नेना टोगडा,
छोटा वासूरीया रे,
ए नेना वासूरीया,
मोटा नारीया रे,
अरे गौ माता तरसो मरती,
जावे रे मेवुडा लाल,
जावे इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ।।
अरे आप बिना मारवाड़,
सुनी रे मेवुडा लाल,
सुनी रे इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ,
अरे आप बिना जवाईबांध,
खाली रे मेवुडा लाल,
खाली रे इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ।।
अरे आप बिना ट्रैक्टर री,
किस्तों किकर भरो मेवुडा लाल,
ए भरो इन्द्र महाराज,
बरसो क्यु नी ओ,
अरे टेंटवाला तटका पुटे,
आवे मेवुडा लाल,
अबे हामी बरसो मेवुडा लाल,
ए बरसो क्यु नी ओ।।
ए अरे आप नी आया मुच्छो रे,
भट किकर देवो मेवुडा लाल,
देवो इन्द्र महाराज,
ए बरसो क्यु नी ओ।।
ए अरे गाँव रे पीपाड माय,
कवि कस्तूरी जी रे,
अरे गाँव रे पीपाड माय,
कवि कस्तूरी जी रे,
अरे मारा मेवुडा रो जश,
गायो मेवुडा लाल,
गायो इन्द्र महाराज,
बरसो क्यु नी ओ।।
गायक – संत कन्हैयालाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818