झंडा फरकै दुनिया भर म्ह,
बैठा खाटू के मंदिर म्ह,
जग का सेठ सांँवरा,
भक्तां खातर खोल कै,
राखै गेट सांँवरा।।
तर्ज – सोटा घूम्मै दुनिया भर म्ह।
मेरा बाबा दखदातारी,
सै भगतां का हितकारी,
जो इन्हकी शरण आ जावै,
पा जावे खुशियाँ सारी,
करण दे ना वेट साँवरा,
भक्तां खातर खोल कै,
राखै गेट सांँवरा।।
मेरा बाबा प्रेम का सागर,
भगतां पै प्यार लुटावै,
जो इनके रंग में रंग जा,
वोह मस्ताना हो जावै,
घणा सै ग्रेट सांँवरा,
भक्तां खातर खोल कै,
राखै गेट सांँवरा।।
हारे का जग म्ह सहारा,
यो बाबा श्याम हमारा,
यो साथ खडा़ पावै सै,
जीनै सच्चे मन तै पुकारा,
करै ना लेट सांँवरा,
भक्तां खातर खोल कै,
राखै गेट सांँवरा।।
गजेन्द्र कुड़लण आला,
बाबा का ध्यान लगावै,
लक्की शर्मा की गेलयां,
बाबा के गीत बणावै,
बणया फेवरेट सांँवरा,
भक्तां खातर खोल कै,
राखै गेट सांँवरा।।
झंडा फरकै दुनिया भर म्ह,
बैठा खाटू के मंदिर म्ह,
जग का सेठ सांँवरा,
भक्तां खातर खोल कै,
राखै गेट सांँवरा।।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।