झोली भर भर देता है,
ये मेरा लखदातार।
दोहा – भक्ति भाव से बाबा,
मैं तुझको रिझाती हूँ,
करदे करदे मेहर तू करदे,
मैं ये फरियाद सुनाती हूँ।
श्याम मंदिर के देख नज़ारे,
महिमा अपरम्पार,
झोली भर भर देता है,
ये मेरा लखदातार।।
हारे को सहारा दे ये,
रोते को दे खुशियां,
इसीलिए झुकती है देखो,
सारी आज ये दुनिया,
याद मैं तुझको करके बाबा,
लिखती हूँ अब चिट्ठियां,
तू सुनले मेरी पुकार,
झोलीं भर भर देता है,
ये मेरा लखदातार।।
रींगस से हम खाटू जाते,
लेकर तेरा निशान,
पग पग चलकर बाबा हम तो,
लेते तेरा नाम,
बच्चो के कष्टों को हरना,
बाबा तेरा काम,
लो आ गई तेरे द्वार,
झोलीं भर भर देता है,
ये मेरा लखदातार।।
भजनो की माला को लेकर,
आई तेरे द्वारे,
तेरी ‘वर्तिका’ मेरे बाबा,
तुझको ही तो पुकारे,
अश्क़ो से मेरे ये आंसू,
तेरे चरण पखारे,
मैं भूल गई संसार,
झोलीं भर भर देता है,
ये मेरा लखदातार।।
श्याम मंदिर के देख नज़ारे,
महिमा अपरम्पार,
झोलीं भर भर देता है,
ये मेरा लखदातार।।
Singer & Writer – Vartika Tiwari