झुंझाले रा मैं तो दर्शन करसा,
दोहा – गौसाई गिर ऊपरे,
और सिंवरू मोटा श्याम,
मंडी बिराजो देवरे बाबा,
धर झुंझाले धाम।
झुंझालो ज्यूँ जेतगढ़,
आदू धाम कड़ेल,
मंडी बिराजो बाबा देवरे,
गिर भाकर री गेल।
बापजी ओ बीज शनि री थापना थोरी जे,
गिर भाकर ओ धणिया री ओ धाम,
जुगत जेतगढ़ मान मसूरियो जे,
जुग तारण दुनिया रो हैं देवाण,
झुंझाले रा मैं तो दर्शन करसा जे,
नेम झाल चढ़ो रे निर्वाण,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे।।
चढ़ती कला चन्द्रमा ने मानू जे,
नित मानू रे उगंते भाण,
जमो रा दल भाँगो करनी गुरु जे,
आलम गुरु जी रा एही प्रयाण,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे,
नेम झाल चढ़ो रे निर्वाण,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे।।
भाँगो भ्रांत रे करदो रे मन भेला जे,
जवरी लखे रे अगम री धाम,
देख भेक रावल जी उ मिलिया जे,
बे पंहुचीया आलम जी री धाम,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे,
नेम झाल चढ़ो रे निर्वाण,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे।।
सेस कला में ऊबो म्हारो सायबो जे,
दसवे में आय गयो देव दल्याण,
नव दैत हरि आगे दलिया जे,
दसवे माथे नाकियो डाण,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे,
नेम झाल चढ़ो रे निर्वाण,
झुंझाले रा मैं तो दर्शन करसा जे।।
झुंझालो जुग थान धणी रो जे,
हरख अंक लिखिया प्रयाण,
चार जुगा रा मन भर मिलिया जे,
घणे हरख से करसा मनवार,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे,
नेम झाल चढ़ो रे निर्वाण,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे।।
अनंत सिद्दा रे शरणे आया जे,
भगवत रहिजो हमारे भाव,
देऊ शरणे भाटी हरजी बोले जे,
भगतो रो भीरु हैं सदा ही भगवान,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे,
नेम झाल चढ़ो रे निर्वाण,
झुंझाले रा मै तो दर्शन करसा जे।।
गायक – श्री भूराराम जी।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052