जिनके राम बने रखवारे,
जग के रूठे क्या होगा,
वो मरे न यम के मारे,
जिनके राम बनें रखवारे।।
भरी सभा में देख कपट का,
शकुनी पासा डारे,
द्रुपद सुता की लाज बचाई,
खेच दुसाशन हारे,
जिनके राम बनें रखवारे।।
अपने भगत की रक्षा कारण,
नरसिंह रूप अवतारे,
हिरण्यकश्यप के विदर विदारे,
दोनो हाथन मारे,
जिनके राम बनें रखवारे।।
बनके सिला पड़ी बन माहीं,
नारी अहिल्या तारे,
चरण कमल की माया भारी,
ध्यान धरे भव तारे,
जिनके राम बनें रखवारे।।
लंका ही संकट पड़ों विभीषण,
राम ही राम उचारे,
सबरी बन में रहे अकेली,
निर्भय राम सहारे,
जिनके राम बनें रखवारे।।
जिनके राम बने रखवारे,
जग के रूठे क्या होगा,
वो मरे न यम के मारे,
जिनके राम बनें रखवारे।।
गायक – अशोकानंद जी महाराज।
प्रेषक – डॉ सजन सोलंकी।
9111337188