जिनको जिनको सेठ बनाया,
वो क्या रिश्तेदार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
वो भी बाबा कहते है,
हम भी बाबा कहते है,
वो भी सेवा करते है,
हम भी सेवा करते है,
हम तो छोटे मोटे भिखारी,
वो क्या जागीरदार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
वो भी परिवार तेरा,
ये भी है परिवार तेरा,
उनको भी आधार तेरा,
हमको भी आधार तेरा,
हम तो तुम्हारे दर के नौकर,
वो क्या हिस्सेदार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
वो भी दर पर जाते है,
हम भी दर पर जाते है,
वो भी मांग लाते है,
हम भी मांग के लाते है,
देख देख कर झोली भरता,
तू कैसा दातार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
उनको भर भंडार दिया,
उनको छप्पर फाड़ दिया,
जब आई मेरी बारी,
अपना पल्ला झाड़ दिया,
उनको भक्तों का तेरा साथ में,
चलता क्या व्यापार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
वो भी लाल तुम्हारे है,
हम भी लाल तुम्हारे है,
तेरे पास क्या श्याम धनी,
दिल भी न्यारे न्यारे है,
वही अकेले वारिस हम क्या,
झूठे दावेदार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
किस्मत फर्क समझती है,
तू भी फर्क समझता क्या,
किस्मत से गर मिलता है,
फिर तू झोली भरता क्या,
श्याम धनी तकदीर बदलता,
ये कहना बेकार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
मर्ज़ी है मेरे श्याम की,
होना है सो होना है,
भेद तुम्हारे दिल में है,
इसी बात का रोना है,
अलग अलग नज़रों से देखे,
तू कैसी सरकार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
जिनको सेठ बनाया है,
हल्ला यहीं मचाते है,
खाटू जाकर लाये है,
नीचा हमें दिखाते है,
‘बनवारी’ बस इतना बता दे,
खाटू क्या दो चार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
जिनको जिनको सेठ बनाया,
वो क्या रिश्तेदार है,
उनसे तो प्यार है,
हमसे तकरार है।।
स्वर – जय शंकर जी चौधरी।
प्रेषक – हरिओम गलहोत्रा
8427905234
Jai shree shyam ji
Bahut anand milta hai baba ke bhajno ko sun kar gakr
Jai shree shyam ji