जिस दिन भी बाबा तेरे,
भजन मैं ना गाऊं,
भजन मैं ना गाऊ बाबा,
तुझे ना रिझाऊं,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना।।
तर्ज – जिस दिन तेरी मेरी।
सुमिरन श्याम तेरा मन मेरा,
पल पल करता है,
हर धड़कन के साथ मेरा मन,
श्याम श्याम कहता है,
श्याम श्याम कहता है,
जिस दिन भी गंगाजल से,
तुझे ना नहलाऊं,
तुझे ना नहलाऊं बाबा,
श्रृंगार ना कराऊं,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना।।
मन के मंदिर में भक्तों के,
श्याम प्रभु रहते हैं,
भक्तों की पीड़ा को बाबा,
सुनते ही हरते है,
सुनते ही हरते है,
जिस दिन भी बाबा तेरा,
भोग ना बनाऊं,
भोग ना बनाऊं बाबा,
हाथों से ना खिलाऊं,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना।।
छाया की तरह दीवानों के,
संग संग रहते हैं,
भाव से रूह को जोड़ ले,
राखी को कहते हैं,
सन्नी कहे जिस दिन बाबा,
मंदिर ना जाऊं,
मंदिर ना जाऊं बाबा,
दर्शन ना पाऊं,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना।।
जिस दिन भी बाबा तेरे,
भजन मैं ना गाऊं,
भजन मैं ना गाऊ बाबा,
तुझे ना रिझाऊं,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना,
ऐसा दिन बाबा आए ही ना।।
गायक / प्रेषक – सन्नी श्याम दीवाना।
मोबाइल – 9996501616
लेखिका – राखी नरेंद्र गोयल।