जिस हाल में रखोगे,
उस हाल में रह लेंगे,
चाहे खुशियाँ मिले या गम,
हस हस के सह लेंगे,
जिस हाल मे रखोगे,
उस हाल में रह लेंगे।।
बड़ी मुद्द्त से हमने,
पाया है प्रभु तुमको,
लाखो ठोकर खाई,
कई ताने मिले हमको,
बस तुझपे भरोसा था,
दुःख मेरे हर लेंगे,
जिस हाल मे रखोगे,
उस हाल में रह लेंगे।।
तकदीर के तारे जब,
मेरे थे गर्दिश में,
दुनिया हसती मुझपे,
रहते थे बंदिश में,
अब साथ मेरे है तू,
दुनिया से कह देंगे,
जिस हाल मे रखोगे,
उस हाल में रह लेंगे।।
तुम को नहीं छोड़ेंगे,
जब तक है सांस मेरी,
नहीं जग की है परवाह,
बस एक है आस मेरी,
तेरे ‘श्याम’ को है विश्वास,
दर्शन तेरा कर लेंगे,
जिस हाल मे रखोगे,
उस हाल में रह लेंगे।।
जिस हाल में रखोगे,
उस हाल में रह लेंगे,
चाहे खुशियाँ मिले या गम,
हस हस के सह लेंगे,
जिस हाल मे रखोगे,
उस हाल में रह लेंगे।।
स्वर – संजय मित्तल जी।