जिसे चाहिये बाबा का खजाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नही जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो जय हो जय हो जय हो।।
तर्ज – जिंदगी एक सफर।
सबसे पहले पायेगा वहीं,
सबसे ज्यादा ले जायेगा वहीं,
छोड़ दिया जिसने शरमाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नही जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो जय हो जय हो जय हो।।
जितनी जल्दी आओगे यहां,
उतनी जल्दी पाओगे यहां,
कहीं पड़े नही फिर पछताना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नही जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो जय हो जय हो जय हो।।
दुनिया की तू परवा ना कर,
दुनिया भी है लाइन में इधर,
कहने दो जो कहता है जमाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नही जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो जय हो जय हो जय हो।।
हंसते गाते लूटो रे यहां,
ऐसी मस्ती पाओगे कहां,
झोली भर के जिसे भी है पाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नही जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो जय हो जय हो जय हो।।
हाथ जोड़ के अम्बरीष यूं कहै,
सब भग्तों को इतना तू दे,
झोली पड़े नही कहीं फैलाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नही जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो जय हो जय हो जय हो।।
जिसे चाहिये बाबा का खजाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नही जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो जय हो जय हो जय हो।।
Singer / Lyrics – Ambrish Kumar Mumbai
9327754497