जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर जिंदगी का,
हर अभाव हो गया,
नदी वो मिली है,
सागर में जा जरूर,
जिसका ठीक राह पे,
बहाव हो गया,
जिसका मेरें श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर जिंदगी का,
हर अभाव हो गया।bd।
तर्ज – देखा एक ख्वाब तो।
जिनको मेरे श्याम का सहारा है,
उनका मझधार ही किनारा है,
है जो भी प्रेमी है मेरे बाबा का,
नहीं हिम्मत कभी वो हारा है,
हर हाल में खुश रहने का,
स्वभाव हो गया,
जिसका मेरें श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर जिंदगी का,
हर अभाव हो गया।bd।
जो भी डूबे है श्याम मस्ती में,
लग जाए चार चांद हस्ती में,
जो भी गुण सांवरे का गाते है,
उनके चर्चे हैं सारी बस्ती में,
जिंदगी में उनके,
बदलाव हो गया,
जिसका मेरें श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर जिंदगी का,
हर अभाव हो गया।bd।
जिनको सेवा मिली है बाबा की,
अपनी किस्मत पे नाज करते है,
करके सेवा वो दीन दुखियों की,
श्याम के दिल पे राज करते है,
ऐसा श्याम भजनों का,
प्रभाव हो गया,
जिसका मेरें श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर जिंदगी का,
हर अभाव हो गया।bd।
वो बड़े खुशनसीब होते है,
श्याम के जो करीब होते है,
जो भी है दूर मेरे बाबा से,
वो बड़े बदनसीब होते है,
जिनका ‘रोमी’ श्याम से,
अलगाव हो गया,
जिंदगी में उनके,
तनाव हो गया,
जिसका मेरें श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर जिंदगी का,
हर अभाव हो गया।bd।
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर जिंदगी का,
हर अभाव हो गया,
नदी वो मिली है,
सागर में जा जरूर,
जिसका ठीक राह पे,
बहाव हो गया,
जिसका मेरें श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर जिंदगी का,
हर अभाव हो गया।bd।
Singer & Writer – Sardar Romi Ji