जिसके ऊपर श्याम तुम्हारी,
मोरछड़ी लहराए,
वो तो मौज उड़ाए श्याम,
वो तो मौज उड़ाए,
मोरछड़ी का झाड़ा पाकर,
मोरछड़ी का झाड़ा पाकर,
हर संकट मिट जाए,
वो तो मौज उड़ाए श्याम,
वो तो मौज उड़ाए।।
तर्ज – धरती सुनहरी अम्बर नीला।
जो हार के दर पे आता,
ये उसका साथ निभाता,
इस मोरछड़ी का झाड़ा,
जिसके ऊपर लग जाता,
अपने हाथों मोरछड़ी जब,
श्याम धणी लहराए,
वो तो मौज उड़ाए श्याम,
वो तो मौज उड़ाए।।
किस्मत को बनाने वाला,
है लाज बचाने वाला,
ये कलयुग का अवतारी,
है अहिलवती का लाला,
जिसका साथी खाटू वाला,
उसको कौन हराये,
वो तो मौज उड़ाए श्याम,
वो तो मौज उड़ाए।।
‘योगेंद्र’ तुम्हारा सेवक,
चरणों में ‘कमल’ खड़ा है,
तेरी मोरछड़ी का जादू,
सर चढ़ कर बोल रहा है,
गाते रहें तुम्हारी महिमा,
बस इतना वर पाएं,
वो तो मौज उड़ाए श्याम,
वो तो मौज उड़ाए।।
जिसके ऊपर श्याम तुम्हारी,
मोरछड़ी लहराए,
वो तो मौज उड़ाए श्याम,
वो तो मौज उड़ाए,
मोरछड़ी का झाड़ा पाकर,
मोरछड़ी का झाड़ा पाकर,
हर संकट मिट जाए,
वो तो मौज उड़ाए श्याम,
वो तो मौज उड़ाए।।
Singer / Writer – Yogender-Kamal