जो भोलेनाथ की कावड़ लावे,
मेरा भोलेनाथ भण्डार भरे,
उसका बाल भी बांका काल करे ना,
जिसकी रक्षा भोलेनाथ करे,
जिसकी रक्षा भोलेनाथ करें।।
सावन में जो गंगाजी में,
जाके डुबकी लावे है,
नीलकंठ महादेव के ऊपर,
जाकर जल चढ़ावे है,
जो सच्चे मन से कावड़ ठावे,
मेरा भोला बाबा मेहर करे,
उसका बाल भी बांका काल करे ना,
जिसकी रक्षा भोलेनाथ करें।।
सच्चे तन से सच्चे मन से,
भोले की धुन में मगन रहवे,
ध्यान लगा के देख जरा,
यो भोला तेरे संग चले,
कितने भी फेर संकट आओ,
यो भोला बाबा दूर करे,
उसका बाल भी बांका काल करे ना,
जिसकी रक्षा भोलेनाथ करें।।
सावन में जो रोज सुबह उठ,
भोले की पूजा पाठ करे,
दूध और बेलपत्र चढ़ा,
भोले बाबा का ध्यान धरे,
जो ॐ नमो शिव जाप करे,
मेरा भोले बाबा ठाठ करे,
उसका बाल भी बांका काल करे ना,
जिसकी रक्षा भोलेनाथ करें।।
मेरे भोलेनाथ की महिमा न्यारी,
कैसे में गुणगान करू,
हाथ जोड़ के सच्चे मन से,
शिव शंकर ध्यान धरूं,
हो ‘सिंगला’ पे भी कृपा करदे,
यो भी तेरा गुणगान करे,
उसका बाल भी बांका काल करे ना,
जिसकी रक्षा भोलेनाथ करें।।
जो भोलेनाथ की कावड़ लावे,
मेरा भोलेनाथ भण्डार भरे,
उसका बाल भी बांका काल करे ना,
जिसकी रक्षा भोलेनाथ करे,
जिसकी रक्षा भोलेनाथ करें।।
गायक / प्रेषक – दिनेश सिंगला।
9215199895
https://youtu.be/0CpvEutA6RY