जितना जरुरी माँ का आँचल,
बच्चो के मन भाया है,
उतना जरुरी हम बच्चो के,
सर पे पिता का साया है।।
तर्ज – क्या मिलिए ऐसे लोगो से।
दुःख तकलीफ को घर के अंदर,
आने नहीं देता है जो,
जो भी है जैसा भी है वो,
अपने सर लेता है जो,
अपने बच्चो को खुश देख के,
सदा ही जो मुस्काया है,
उतना जरुरी हम बच्चो के,
सर पे पिता का साया है।।
पढ़ा लिखाकर हमको जीवन,
जीने के लायक है किया,
अँधेरे रस्तों पर संग संग,
चलते रहे है बनके दिया,
मुस्काते मुस्काते अपना,
हर एक फ़र्ज निभाया है,
उतना जरुरी हम बच्चो के,
सर पे पिता का साया है।।
मात पिता की सेवा भक्तों,
सौ तीरथ का फल देती,
सुख के फुल जो चुनना चाहो,
कर लो सेवा की खेती,
‘पंकज’ जिसने बात ये मानी,
उसने सब कुछ पाया है,
उतना जरुरी हम बच्चो के,
सर पे पिता का साया है।।
जितना जरुरी माँ का आँचल,
बच्चो के मन भाया है,
उतना जरुरी हम बच्चो के,
सर पे पिता का साया है।।
Singer – Gyan Pankaj Aggarwal