जो भी हारेगा तुझे निहारेगा,
तेरे होते हार गया तो,
किसे पुकारेगा,
जो भी हारेगा तुझे निहारेगा,
जो भी हारेगा तुझे निहारेगा।।
तर्ज – मैं ना भूलूंगा।
उमरिया बीत गई,
तेरी दरबारी में,
मज़ा आया मुझको,
तुम्हारी यारी में,
बचा कुचा ये जीवन मेरा,
कौन संवारेगा,
तेरे होते हार गया तो,
किसे पुकारेगा,
जो भी हारेगा तुझे पुकारेगा।।
प्यार तुमसे ही किया,
प्यार फलते देखा,
कठिन से कठिन घड़ी,
काम चलते देखा,
तेरा बनकर जिया जो जग में,
कभी ना हारेगा,
तेरे होते हार गया तो,
किसे पुकारेगा,
जो भी हारेगा तुझे पुकारेगा।।
अलग दाता देखि,
तेरी दातारि है,
मेरा हर रोम प्रभु,
तेरा आभारी है,
तेरा बनकर जिया जो जग में,
कभी ना हारेगा,
तेरे होते हार गया तो,
किसे पुकारेगा,
जो भी हारेगा तुझे पुकारेगा।।
समय जब अंतिम हो,
मौत की आहत हो,
मेरे सर के निचे,
तुम्हारी चोखट हो,
स्वर्ग छोड़ चरणों में ‘रोमी’,
वक्त गुजारेगा,
तेरे होते हार गया तो,
किसे पुकारेगा,
जो भी हारेगा तुझे पुकारेगा।।
तेरे होते हार गया तो,
किसे पुकारेगा,
जो भी हारेगा तुझे पुकारेगा,
जो भी हारेगा तुझे निहारेगा।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।