जो किसी से ना कह पाओ,
वो श्याम से बतलाना,
कोई राह नहीं सूझे,
तो खाटू चले आना,
जो किसी से ना कह पाओं।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
कमजोर कड़ी तेरी,
नहीं जग को बताएगा,
जितनी भी मुश्किल है,
हल श्याम सुझाएगा,
हमदर्द है श्याम तेरा,
ये भूल नहीं जाना,
कोई राह नहीं सूझे,
तो खाटू चले आना,
जो किसी से ना कह पाओं।।
सब जाने श्याम तेरा,
तुझपे जो बिता है,
क्यों हार के दिल अपना,
घुट घुट के जीता है,
है अकेला कभी मन में,
ये ख्याल नहीं लाना,
कोई राह नहीं सूझे,
तो खाटू चले आना,
जो किसी से ना कह पाओं।।
हर फैसला दुनिया का,
जिसके दो हाथ में है,
वो श्याम दयालु ही,
जब तेरे साथ में है,
कहता है ‘सचिन’ प्यारे,
विपदा से ना घबराना,
Bhajan Diary Lyrics,
कोई राह नहीं सूझे,
तो खाटू चले आना,
जो किसी से ना कह पाओं।।
जो किसी से ना कह पाओ,
वो श्याम से बतलाना,
कोई राह नहीं सूझे,
तो खाटू चले आना,
जो किसी से ना कह पाओं।।
Singer – Rupesh Sharma