जो साई शरण में रहते हैं,
दुःख उनको सता नहीं पाते है,
भरते है खुशियों से दामन,
जब साई रहम फरमाते है,
जो साई शरण में रहतें हैं,
दुःख उनको सता नहीं पाते है।।
फरियाद में देरी है तेरी,
उनके आने में देर नहीं,
हो सकती है रात अंधेरी पर,
दर साईं के अंधेर नही,
तूफ़ान में फंसी हर नैया को,
मेरे साईं पार लगाते है,
जो साई शरण में रहतें हैं,
दुःख उनको सता नहीं पाते है।।
जो दुःख हरती है दुखियो के,
शिरडी में वो पावन ज्योति है,
तू देख बसा के दिल में उसे,
फिर बात खुदा से होती है,
दिल अपना जो साईं को दे बैठे,
वो साईं तेरे हो जाते है,
जो साई शरण में रहतें हैं,
दुःख उनको सता नहीं पाते है।।
बिन मांगे ही दे देते है,
साईं की शान निराली है,
कोई भक्त नही कह सकता यहाँ,
देखो मेरी झोली खाली है,
आते है जो गम के मारे यहाँ,
वो हँसते हँसते जाते है,
जो साई शरण में रहतें हैं,
दुःख उनको सता नहीं पाते है।।
जो साई शरण में रहते हैं,
दुःख उनको सता नहीं पाते है,
भरते है खुशियों से दामन,
जब साईं रहम फरमाते है,
जो साई शरण में रहतें हैं,
दुःख उनको सता नहीं पाते है।।
Singer – Mahesh Kadri