जो उज्जैन की शान है,
वो बाबा महाकाल है।
दोहा – देवों के महादेव है जिनका,
बिगड़ी बनाना काम,
उज्जैन की पावन नगरी को,
झुक झुक करूँ प्रणाम।
क्षिप्रा के इस पावन तट पर,
बैठे है महाकाल,
काल भी जिनके दर पे आके,
बोले है महाकाल।
ये दिल कुर्बान है,
भोले जी मेरी जान है,
जो उज्जैन की शान है,
वो बाबा महाकाल है,
जो उज्जैन की शान हैं,
वो बाबा महाकाल है।।
जहाँ में तेरा नाम है,
तू देवों में महान है,
भोले जी तेरे नाम से,
हम सब की पहचान है,
निराली तेरी शान है,
ये दिल कुर्बान है,
जो उज्जैन की शान हैं,
वो बाबा महाकाल है।।
क्षिप्रा जी नहाकर जो,
भोले को मनाता है,
पाप मिट जाते है,
महिमा जो गाता है,
होता मालामाल है,
ये दिल कुर्बान है,
जो उज्जैन की शान हैं,
वो बाबा महाकाल है।।
भस्म की आरती में,
भक्त जब आते है,
दिल को आराम मिला,
दरश जो पाते है,
जाने ये जहान है,
करे ये निहाल है,
ये दिल कुर्बान है,
जो उज्जैन की शान हैं,
वो बाबा महाकाल है।।
ये दिल कुर्बान है,
भोले जी मेरी जान है,
जो उज्जैन की शान हैं,
वो बाबा महाकाल है,
जो उज्जैन की शान हैं,
वो बाबा महाकाल है।।
Singer – Kapil Aleriya