जुड़ा जिनसे तार है,
वो नाकोड़ा सरकार है,
मेरे सिर पर जिनका ये हाथ है,
दादा की कृपा है पाना,
तो नाकोड़ा जी चले आना।।
श्री पार्श्व जिनराज है,
संग भेरू जी महाराज है,
पार्श्व भैरव भक्तो के नाथ है,
अगर इनके है दर्शन पाना,
तो नाकोड़ा जी चले आना।।
तीर्थ बडा प्यारा है,
दुनिया से न्यारा है,
हमको मिली अनुपम सोगात है,
अगर पाना है भक्ति का खजाना,
तो नाकोड़ा जी चले आना।।
दीपो का त्योहार है,
ज्योतिमय संसार है,
बसे दिल मे प्रभु पार्श्वनाथ है,
अगर प्रीत है इनसे बढ़ाना,
तो नाकोड़ा जी चले आना।।
आता जो भी द्वार है,
मिलता उनको प्यार है,
नितिंन दिलबर का मिल ये साथ है,
अगर दादा की भक्ति है पाना,
तो नाकोड़ा जी चले आना।।
जुड़ा जिनसे तार है,
वो नाकोड़ा सरकार है,
मेरे सिर पर जिनका ये हाथ है,
दादा की कृपा है पाना,
तो नाकोड़ा जी चले आना।।
गायक – नितिन जैन विजयनगर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365